स्पीड पोस्ट की सुविधा नहीं मिली जनता को, पोस्ट मास्टर से की गई शिकायत

सक्ति- सक्ती भले ही जिले का स्वरुप ले चुका है, किंतु सुविधाओं के मामले में देखा जाए तो आज भी सक्ती जिला मुख्यालय में जिले के हिसाब से मिलने वाली सुविधाएं तो बिल्कुल नगण्य है तो वहीं कम सेकम ब्लॉक लेवल पर सरकारी विभागों से मिलने वाली सुविधाएं तो अनवरत दुरुस्त रहे, किंतु ऐसा भी कुछ शक्ति में नजर नहीं आता,यहां का भारतीय डाकघर पोस्ट ऑफिस दशको पुराना पोस्ट ऑफिस है,कितु वर्तमान में भारत सरकार पोस्ट ऑफिस को इतना अधिक सुविधाजनक बनाने की बात कहती है, किंतु शक्ति के डाकघर को देखकर ऐसा कुछ नजर नहीं आता, यहां के डाकघर में सुविधाओं के नाम पर लोगों को ठेंगा दिखाया जाता है,तो वहीं यहां आए दिन स्टाफ की कमी रहती है, जिससे समय पर ना तो स्पीड़ पोस्ट की सुविधा मिल पाती,और ना हीं डाकघर के बचत कर्ताओं को उनकी पासबुक प्रिंटिंग की सुविधा मिलती है,अनेको मर्तबा देखा जाता है कि जब लोग यहां पासबुक प्रिट करवाने पहुंचते हैं तो यही कहा जाता है कि हमारे पास अभी स्टाफ नहीं है, प्रिंटर खराब है, सेवाएं उपलब्ध नहीं है।
कुछ ऐसा ही 28 मार्च को देखने को मिला जब शहर का एक व्यापारी शक्ति के डाकघर में स्पीड पोस्ट करवाने के लिए पहुंचा तो वहां मौके पर उपस्थित कर्मचारियों द्वारा बताया गया की स्पीड पोस्ट अभी नहीं हो रहा है, कारण पूछे जाने पर कहा गया कि हमारा प्रिंटर खराब है,तब युवक ने कहा कि प्रिटर की सुविधा आप लोग को ऑप्शन में दूसरी मशीन भी रखनी चाहिए क्योंकि स्पीड पोस्ट आपातकालीन सेवा है जो कि लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान भेजने के लिए अति आवश्यक सेवाओं में आता है, किंतु ऐसा कहते ही उक्त व्यापारी को डाकधर के कर्मचारी के द्वारा कहां गया कि हमें नहीं मालुम, आपको जहां शिकायत करनी है कर दो , कुछ ऐसा ही आए दिन शक्ति के डाकघर में देखने को मिलता है किंतु विडंबना यह है की शक्ति के डाकघर में चल रही कुछ ऐसी दुर्व्यवहार की घटनाओं से भी ऊपर के अधिकारी सबक नहीं लेते तथा पोस्ट ऑफिस शक्ति में चल रही ऐसी अव्यवस्थाओं की शिकायत जनता आखिर करें तो कहां करें, कम से कम शक्ति जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को तो इस संबंध में संज्ञान जरूर लेना चाहिए,जिससे लोगों को सुविधा मिल सके तथा 28 मार्च को स्पींड पोस्ट की सुविधा नहीं मिलने पर सक्ती के व्यापारी हेमंत अग्रवाल ने इसकी शिकायत लिखित में डाकघर शक्ति के आधिकारी से की है, किंतु अब देखना है कि आए दिन हो रही ऐसी दुव्यवहार की घटनाओं एवं अव्यवस्थाओं पर कब नियंत्रण हो पाता है।

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